March 20, 2023

सोनबाइ मां नी इच्छा अने कागबापु ना शब्दो द्वारा चारणोने शीखामण

सोनबाइ मां नी इच्छा अने कागबापु ना शब्दो द्वारा चारणोने शीखामण
छोरुने मात समजावे आवा कोइ चारणो आवे
छोरुने मात समजावे, आवा कोइ चारणो आवे…(टेक)
धीर-गंभीरा,धारणवंता,पापमां जेना न पाव; (२)
ए…ऊजळा हैयां, वातना वेधु,दिल जेना दरियाव
छोरुने मात समजावे…
वेणमां जेनां फुलडां फोरे,नेणमां ना’वे रोष;(२)
ए…उधमवंता ने आपदाहिणा,देखे न कोइना दोष
छोरुने मात समजावे…
अक्कल सौना सुखमां आपे,आप रळ्युं जमनार;(२)
ए…बुद्धी केरा पाशला बांधी,नव खेले शिकार
छोरुने मात समजावे…
अन्नना दाता,जुठपे ताता,गाता रामायणगान;(२)
ए…पारकी पीडा टाळवा पोते,पाथरी आपे प्राण
छोरुने मात समजावे…
भागती फोजुं भेडवे एवा,थडक्यां आपे थोभ;(२)
ए…झुंपडे जेने खेलवा राखे,लोबडीयाळी लोभ
छोरुने मात समजावे…
वाणीरुपी मारां दुधडां केरी,झीलजो धोळी धार;(२)
ए…वरुडी जेवी धिडीयुं,बेटा! इसरना अवतार
छोरुने मात समजावे…
एकला खाशो तो रोगीआ थाशो,पस्ताशो विण पार;(२)
ए…जीरव्या कोइथी जाय नहीं,एवा अजीरण ओडकार
छोरुने मात समजावे…
चारणोने कहे सोनल माता,सहुने वाधो सुख;(२)
‘काग’ जाया तमे जगदंबानी,कोइ लजवता न कूख
छोरुने मात समजावे…
रचना=चारणकवि पद्मश्री कागबापु
आ रचना कागवाणी भाग-७ मांथी लिधेल छे भुलचुक सुधारीने वांचवी
टाइपिंग=राम बी गढवी
नविनाळ-कच्छ
फोन=7383523606

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