हिंगलाज हाजरा हजुर,माजी तमे बेठा मकराण मां
हिंगलाज हाजरा हजुर, माजी तमे बेठा मकराण मां
देवीनो डुंगरीयो दूर, माजी तमे बेठा मकराण मां (टेक)
उज्जड अरण्यना दुख वेठाय ना, पंथ विकटनो पार पमाय ना
रस्तामां प्राणीओ क्रूर…
माजी तमे बेठा…
खान-पान साहित्य लेवुं संगाथमां, मैंयाने भेटवा वसवुं जमातमां
अतिशय उडती धूळ…
माजी तमे बेठा…
रहेवाने रात नथी विश्रांतीगृह ज्यां, उंघ आरामनी वात पछी होय क्यां
करवी चिंताओने चूर…
माजी तमे बेठा…
अगवाना आदेशे आगळ चालवुं, धीमेथी रेतीना पहाडो पर चडवुं
देह तणा तेज घटे नुर…
माजी तमे बेठा…
चंद्रकुप चढवुं चालकीनुं काम छे, अविनाशी नुं अद्भुत ए धाम छे
ऊछळे विभुतीना पुर…
माजी तमे बेठा…
पाप परिताप चंद्रकुप ने चडाववा, आइने परसवा आदेश मांगवा
रस्तामां कोनी मगदूर…
माजी तमे बेठा…
घोर तजी अघोरे स्नान ज कीधा, बांधवा बेनडीना बीरद त्यां लीधा
घोरमां फुट्या अंकुर…
माजी तमे बेठा…
दूरथी डुंगर मां नुं देवळ लागे, जेम जेम भेटीए पाप पुंज नाशे
स्वयं चढे सिंदूर…
माजी तमे बेठा…
दीठो डुंगर दुख नाठा जमातना, दर्शन आपे आइ भाविकने रातना
कापवा कुवासनाना मूळ…
माजी तमे बेठा…
निर अलिलनो अंत न आवे, सुंदर सुवास पुष्प खील्यानी आवे
अलिल कुंड अद्भुत…
माजी तमे बेठा…
स्नान ध्यान पाठ पूजाथी परवारी, आइने परसवानी करी छे तैयारी
भाव धरी भरपुर…
माजी तमे बेठा…
संतोए नाम जेनुं राख्युं शरण बारी, संतो संगाथमां शरण स्वीकारी
गर्भ तणा दुख थाय दुर…
माजी तमे बेठा…
उपरथी निर झरे पर्वतना पोलमां, बेठा हिंगोळ एवा अलौकीक स्थानमां
नित्य एवा भक्तोना पुर…
माजी तमे बेठा…
रुद्र रुप शक्ति महाकाळी बिराजतां, तांत्रीक आवे माने बलि चढावता
पान मधुपान चकचूर…
माजी तमे बेठा…
सामे सन्मुख बेठा आइ आशापुरी, “चंदु” चरणरज मानी शीरे धरी
गावो हिंगलाजनां गुण…
माजी तमे बेठा मकराण मां….
रचना= चंदुभा जाडेजा
मेराउ-कच्छ
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