April 2, 2023

चारण कवि कीशोरदान टापरिया रचित सोनबाइ मां नी चरज

चारण कवि कीशोरदान टापरिया रचित सोनबाइ मां नी चरज
सांभळ सोनल साद अमाणो
आयल फरी आव ने आंटो ..२
वट वचन ने वेवार ना माडी,त्राजवे तोळाइ
तोल विनाना तोलवा बेठा,जीरव्यु ना जीरवाय
सांभळ सोनल साचो …
वाणी विलासी ने वेणना खोटा,फुल्या बउ फुलाय
बोल तो अना तोल विनाना,पाछा जाल्या न जलाय
सांभळ सोनल साचो…
धन मेळववा धर्म ने चुके,फरज भुली जाय
हद मुकी ने हालवा मांड्या,कोइ थी रोक्या ना रोकाय
सांभळ सोनल साचो…
‘केदान’ कहे कांइ न मांगु,आरदा करुं आइ
भेळीयावाळी भीड भांगजे,आटली अरज करुं आइ
सांभळ सोनल साचो….
रचना – चारण कवि कीशोरदान टापरीया (केदान)
टाइपिंग – राम बी गढवी
नविनाळ कच्छ
फोन नं. – 7383523606
वंदे सोनल मातरमं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: