🚩करणी शरणम्🚩
=============
रिछपाल बारहठ रजवाडी़
!! दोहा !!
पैली सुरसत प्राथना ,
करू निमण कर जोड़ !
हियै विराजो कर हरख ,
काटो विघन किरोड़ !!
साय रहिजै मेह सुता ,
रख जे सुत री लाज !!
आखर दे मां उज्जला,
लहां शरण हिगलाज !!
सुरसत आखर सांपजै ,
दध आखर दिय टाल !
उक्ती दे मां ईशवरी ,
रख शरणै रिछपाल !!
🙏छन्द जात-नाराच🙏
==================
(रिछपाल सिंह बारहठ कृत)
————-🚩————-
पुजूँ प्रभात जोड़ हाथ,
आव मात ईसरी!
रखो रुखाळ हो कृपाळ,
मात थे महेसरी !
करूँ पुकार ले अधार,
धीर भीर धारणी
सदा सहाय बेग आय,
हाण दोख हारणी।।(1)
डुबी जहाज देय आवाज,
तार जै शाह नै!
गऊ दुहेन्त तारयो,
बधाय मात बाँह नै !
करी सहाय जोग माय,
आय भवा तारणी!
सदा सहाय बेग आय,
हाण दोख हारणी।।(2)
बचाय आज मात लाज,
आय बेर बंकरी!
कियो ज कैद सिंध में
छुडा़य भ्रात शंकरी!
भरी उडाण आसमाण,
भ्रात ल्याइ चारणी!
सदा सहाय बेग आय,
हाण दोख हारणी।।(3)
बिकाण बंक रो सुजाण,
राण ध्याव्व राजला!
तुरक्क तूझ होवतां ,
बिगाड़ चाव्व काजला!
बिचाळ छोड़ बाछडा़,
नोरजा छुटावणी !
सदा सहाय बेग आय,
हाण दोख हारणी।।(4)
धरा धुजाण अगवाण ,
ल्याय माय भैरवां !
घमंक बाज घूघरा ,
बजात संग डेरवाँ !
रमंत रास मात खास ,
दिलाँ दया धारणी !
सदा सहाय बेग आय,
हाण दोख हारणी।।(5)
सुणंत टेर आ अबेर,
देर मात ना करी !
करंत दया रिधू मया,
ढील डील ना धरी !
रही छत्राळ माँ डढाळ,
सार काज सारणी!
सदां सहाय बेग आय,
हाण दोख हारणी !! (6)
नमूँ हमेश माँ रिधेश ,
लेय सार दास री !
अट्टल है अधार मात,
पूर आश खास री!
पात पाल रीछपाल,
आल को उबारणी!!
सदां सहाय बेग आय,
हाण दोख हारणी!!(7)
================
!! छप्पय !!
जय करणी जगदम्ब,सुणो माँ साद हमारो!
जय करणी जगदम्ब, आय माँ कष्ट निवारो!
जय करणी जगदम्ब, एक है आसरो थाँरो !
जय करणी जगदम्ब,आय कर पूत उबारो।
सेवक तणी रहिज्यो सदा, रक्षक मात राजेश्वरी।
कर पाण जोड़ विनती करूं,साद सुणो परमेसरी ।।
🙏🙏🙏🙏🚩🙏🙏🙏🙏
रिछपाल सिंह बारहठ जवाडी़ कृत