March 25, 2023

कवित्त- श्रीरामदानजी दधवाङिया कूंपङावास (राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर)

!! कवित्त !!
धराके हिये में ध्यान राम अवधेश जूको,
मात पितु मेरे ताके चर्ण सीस नाऊँ मैं !
सदगुरू सुजान निज ईश्वर समान मान,
जाकी कृपादृष्टि हुते वांछितफल पाऊँमैं !
वीरन को वीर वह भक्त रघुवीर जूको,
पोनसुत हनु वाके पद को पूजाऊँ मैं !
आपके प्रसादहुते आदि न अनादि जाके,
सीतापति ताके गुण गाय मोक्ष पाऊँ मैं !!
अलखहै रूप वाको श्रूपकिमि जाने कोय,
वेद नही भेद ताको नेति कहि गावे है !
शेष रू महेश लेके शारदा गणेश आद,
ध्यान हिये लावे तऊ पार नही पावे है !
अव्यय अखंड वह मंडन त्रिलोक हुके,
अवध के मध्य आय नृपति कहावे है !
दीनदुःख टारिबे को भक्तभय हारिबे को,
दुष्टन विदारिबेको श्रीराम प्रगटावै है !!
श्रीरामदानजी दधवाङिया कूंपङावास !!
राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर !!

~राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: