शुभकर गणपत सुरसती ,
शुभ नर बुध सरसात ।
शुभ निजर शुभ फल सदा ,
मुझ घर करनल मात ।
सज धज कर हालो सभी ,
वोटर फरज विचार ।
मरुधर आछी मधुकरा ,
सधर चुणो सरकार ।
जिण नर सद गुण जाणनै ,
उण पर धर अहसान ।
अवसर आयो आज लो ,
मधुकर कर मतदान ।
पांच वरसी धर पदती ,
सांच सरसी सुधार ।
आंच न धरसी आपणै ,
टांच टलसी तकरार ।
अब अत आलस तज अवस ,
धब मत तो अधिकार ।
मधुकर दब मत मानवी ,
जब सत हो जयकार ।🙏🏻🙏🏻