March 31, 2023

डिंगल धावां डोकरी, मधुकर पावां मोज- कवि मधुकरजी माड़वा

डिंगल धावां डोकरी ,
मधुकर पावां मोज ।
गावां करनल गीतड़ा ,
रंग बरसावां रोज ।
शिव सरसावां हित सकव ,
चरण पुजावां चित्त।
पावां प्रीत परमेश्वरा
नमण करावां नीत्त ।
आडा बोलै आकरा ,
जाडा कै नर जन्न ।
हाडा ज्यु अनहाकरा ,
मधुकर बाडा मन्न।
अलगा राखै ईशरी ,
ओड़ां अलगो रख अम्बा ,
झोड़ां री झणकार ।
भेट कराड़ौ भमरिया ,
सखरोड़ा सिरदार ।
इरषा भरी जिण अंग में ,
बोलै बेढंग बात ।
संग न दिजै कुसंगियां ,
मधुकर करनल मात ।

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