जय जांगल धर जोगणी ,
शिर धर करू सलाम ।
मधुकर समरो मावड़ी ,
नित लो शिव रो नाम ।
शिव भाल मधूकर सदा ,
कै करणी किरपाल ।
जाल आल टालण जिकै ,
काल तण महाकाल ।
शंकर नित सेवा सजे ,
भजे ज चित भगवान ।
कजे सु हित करनल करै ,
दजे नह भमर दान ।
कुण किण पर किरपा करै ,
उण री बात अजांण ।
मधुकर करनल मावड़ी ,
कर किरपा किनियाण ।
असंख देव इल उपरा ,
सब किरपा बरसात ।
अपना अपना इष्ट है ,
मधुकर करनल मात ।