March 20, 2023

गीत बृद्ध चित विलास मात्रा,14,14,18,12,16,12,8,अंत दो गुरु ,आद अंत रेकारो। सात चरण एक दवालो- कवि मधुकरजी माड़वा

गीत बृद्ध चित विलास मात्रा, 14,14,18,12,16,12,8,अंत दो गुरु ,आद अंत रेकारो। सात  चरण एक दवालो- कवि मधुकरजी माड़वा
जग जोगा रे जग जोगा ,
भव भांग नसा रस भोगा ।
जग जोखम जैर हलाहल जारत ,
ओघड़ आप अमोगा ।
दिय वरदान दुनी जन दाता ,
राड़ मिटावण रोगा ।
रे जग जोगा ।(1)
किनियांणी रे किनियांणी ,
धर देशांणै धणियांणी ।
सज समरण करवंदन शुभयांणी ,
भोर चढा रथ भांणी ।
रक्षक जगत तणी शिव रांणी ,
सुख  उपजात सुजाणी ।
रे किनियांणी ।(2)
सुख देणी रे सुख दैणी ,
रट मात सुजस दिन रैणी ।
लै लोहड़ियाल शरण भुजलम्बा ,
करणी करणी कैणी ।
अबखी वखत उबारण आवै ,
हांण कबु नही हैणी ।
रे सुख देणी ।(3)
भव तारी रे भव तारी ,
आ अगम देव अवतारी ।
शिव साथै भजलै सांझ सवारी ,
मन करनल महतारी ।
ईस करनला राख आसरो ,
भँमर भरोसो भारी ।
रे भव तारी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: