March 31, 2023

करण ओपर घण करनला- कवि मधुकर (भवरदानजी) माड़वा

करण ओपर घण करनला ,
भरण पोषण भलाय ।
धरण शरण रखवण धणी ,
वरण चरण वरदाय ।
भलपण करनल भमरिया ,
कलपण जतन कराय ।
अपण भरोसे आपरे ,
जपण करां जगराय ।
चारण तारण चारणी ,
अवतारण बण आय ।
शिरोमण जण सुधारणी ,
मुण करणी महमाय ।
कुण कवियण उधरण करण ,
सुण सरवण सुरराय ।
मुण करनल भण मागणा ,
इण पुल अवल उपाय ।
कुण कुण उठ करनल कहै ,
चुण चुण आखर चाय ।
मुण मुण मधुकर माड़वे ,
सुण सुण अवस सदाय ।🙏🏻🙏🏻🚩

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