March 21, 2023

मेहाई आई नमो, ताई गाई तोज- कवि मधुकर (भंवरदानजी) माड़वा

मेहाई आई नमो,
ताई गाई तोज।
भाई सदाई भमरा,
माई ठाई मोज।
लाई शरणां लोवड़ी,
धाई धरणां धाम।
चाई चरणां चारणी,
काई करणां काम।
गाई तो पाई गजब,
महमाई की मेर।
सुखदाई थाई सदा,
लाई मधुकर लेर।
जाई मेहा की जिका,
आई करत उपाय।
माई भज तू मधुकरा,
साई सपत सदाय।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: