सोमवार हे सुचंग,
ईस को चढा अफंग,
भुतेस आरोगे भंग,
रंग ही रचंग है।
जमात जोगी जचंग,
नाचत केता ननंग,
डाकणी शाकणी डंग,
भूत के भुजंग है।
त्रिहु लोचना तपंग,
काम वासना कटंग,
चोसट जोगणी चंग,
गिरजा रु गंग है।
ओपत भसमी अंग,
शशी भाल पे सजंग,
मधुकर जोय मंग,
शिव सती संग है ।🙏🏻🙏🏻🚩🕉