Uncategorized कण कण बिराजे करणी- कवि राजन झणकली by adminNovember 30, 2018September 2, 2019 कण कण बिराजे करणी होवत मात हमेश। अबखो निरखण आम जन विरला करेय विशेष।। पल पल सुणती पुकार कु बोलत ना मुख बोल भगती सगती भावना कर पूरण हर कोल।। जोणी व्हे जोगमाय कु चैलक नगरी चाय। भजतो पूरण भावना आवड़ दरशण आय।। (कवि राजन झणकली) Post Views: 226 Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading...