March 25, 2023

कण कण बिराजे करणी- कवि राजन झणकली

कण कण बिराजे करणी
होवत मात हमेश।
अबखो निरखण आम जन
विरला करेय विशेष।।
पल पल सुणती पुकार कु
बोलत ना मुख बोल
भगती सगती भावना
कर पूरण हर कोल।।
जोणी व्हे जोगमाय कु
चैलक नगरी चाय।
भजतो पूरण भावना
आवड़ दरशण आय।।
(कवि राजन झणकली)

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