March 20, 2023

The Bhajananandi Foundatain की और से दिनांक 26 जनवरी 2019 के दिवस पर एक भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा

जय सोनबाई मा
जय करणी मा

जय मोगल मा

सभी स्वजातीय बन्धुओ के साथ आदि अनादि से चारण समाज को वंदनीय मान उससे अटूट नाता रखने वाले सर्व समाज के अजीजो को सुचित करते हुए ह्रदय के अतकरण से हर्ष व गौरव की अनुभूति हो रही है।


बन्धुओ जैसा कि सर्वविदित है कि चारण एक जाति, वर्ग या कोई वर्ण नहीं हैं बल्कि ये  तो भगवान शंकर के गण हैं, चारण स्वयं में एक शक्ति है। इनकी महिमा वेदों, उपनिषदों, रामायण, महाभारत में उलेख्खित है।

चारणों की संस्कृति और अस्मिता पर समस्त संसार का एकाकार रचाया गया है, जिनका समस्त संसार आज भी स्वेच्छा से अनुकरण कर रहा हैं, चारणों ने जो समस्त संसार को दिया हैं वो कदाचित और कोई नही दे सकता है।

चारण धन संपदा व भौतिक सुख के लालची कभी नही रहे है और ना ही वर्तमान में है ।

बन्धुओ हम चारण तो प्रकृति से रचे गए  देवमानव व शक्ति के उपासक हैं। चारणों ने समस्त संसार को आवड़ मा से नौ लाख माताजी तक विभिन्न रुपो मे मॉ भगवती को अपने घर जन्म देकर सम्पूर्ण जगत का समय समय पर उद्घार किया है ।

स्वय मॉ जगदम्बे को भी वसुन्धरा पर अवतार लेने के लिए किसी चारण मॉता की ही कोख चाहिए।

उसी तरह से चारण समाज मे ऐसे असंख्य संतो व कवियों ने जन्म लिया है जिसकी आलोकिक ज्योति व समृद्ध लेखनी ने मानव मात्र के कल्याण का सदमार्ग प्रशस्त किया है।

ये शिवगण चारणों की शक्तिपीठ अर्थात गुजरात और सौराष्ट्र में स्थित मढड़ा धाम जहाँ माता सोनबाई जी बिराजमान है।

जहॉ समाज की माताएँ व बहिने दर्शनार्थ पधारकर मॉ से साक्षात्कार करने का सौभाग्य प्राप्त कर सकती है।

आप सबको पुन: यह सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि मढ़डा की पावन धरती पर  The Bhajananandi Foundatain की और से दिनांक 26 जनवरी 2019  के पावन दिवस पर एक भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा और इस उत्सव का नामकरण चारण शक्ति दर्शन रखा गया है।

उत्सव के आयोजन का मुख्य ध्येय यह है कि समस्त चारण समाज एवं सोनबाई माताजी को मानने वाला हर एक समाज उन्नति और क्रांति की और आगे बढ़े और उनका समग्र विकास हो।

समस्त स्वजातीय बन्धुओ का जिस समय मढ़डा धाम में आगमन होगा उस समय नौ लाख शक्तियों की उपस्थिति होगी।

इस पुनीत अवसर पर स्वजातीय समाज के वो रत्न भी उपस्थित होगे जिन्होने अपने समर्पण सेवाभाव व चारणाचार से समाज को गौरवान्वित किया है।

यह महायज्ञ समस्त संसार को एक नई दिशा प्रदान करेगा।

जब जब प्रतिकुल परिस्थितिओ का उदभव हुवा है तब तब चारणों ने आगे बढ़कर समस्त संसार को नया पथ देने का कार्य किया है।

तो आईये हम सब साथ मिलकर के इस अवसर को यादगार और अविस्मरणीय बनाकर के एक नई पहल करें… !!!

सब का साथ, संस्कृति का विकास

आप सबको मैने संक्षिप्त भाषा मे अपने हृदय के उदगार को व्यक्त करने का एक छोटा सा प्रयास किया हैं। विस्तृत तो उस पावन धरा पर मॉ के दरबार मे ही बता पाऊँगा।
आपका अपना
श्रीपालुभाई गढ़वी भजनानंदी

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