March 29, 2023

कागबापु (भगतबापु) कि जन्म जयंती पर कोटी कोटी वंदन

दुला भाया काग (25 नवम्बर 1902–02 फ़रवरी 1977) प्रसिद्ध कवि, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे।
उनका जन्म सौराष्ट्र-गुजरात के महुवा के निकटवर्ती गाँव मजदार में हुआ था जो अब कागधाम के नाम से जाना जाता है। दुला भाया काग ने केवल पांचवी कक्षा तक पढाई की तत्पश्चात पशुपालन में अपने परिवार का हाथ बंटाने में लग गए। उन्होंने स्वतन्त्रता आन्दोलन में भी हिस्सा लिया। उन्होंने अपनी जमीन विनोबा भावे के भूदान आन्दोलन में दान दे दी।
 
उनके द्वारा रचित “कागवाणी” 9 खंडो में प्रकाशित वृहत ग्रन्थ है जिसमे भक्ति गीत, रामायण तथा महाभारत के वृत्तांत और गांधीजी के दर्शन व भूदान आन्दोलन पर आधारित गीत संकलित हैं।
 
उनकी रचनाओं का विषय अधिकतर भक्ति एवं परमार्थ होता था। उन्होंने गांधीजी तथा विनोबा भावे पर मर्सिये भी लिखे हैं। उन्हें वर्ष १९६२ में भारत सरकार ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मनित किया।
 
हालाँकि उनकी अपनी शिक्षा केवल पांचवी कक्षा तक हुई परन्तु उनकी लिखी रचनाये प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर कक्षाओं तक पढाई जाती है।
 
25 नवम्बर 2004 को उनकी 102वीं जयंती पर भारतीय डाक तार विभाग ने उनकी स्मृति में 5 रुपये का टिकट जारी कर उन्हें सम्मानित किया।
 
22 फरवरी 1977 को उनका स्वर्गवास हुआ। प्रति वर्ष इस दिन उनके नाम से कागधाम में पांच पुरस्कार पूज्य मोरारी बापू द्वारा दिए जाते हैं।
परिचय⤵
नाम :- दुला भाया काग
पितानुं नाम :- भाया काग
जन्म तारीख :- 25-11-1902
जन्म स्थळ :- सोडवदरी 
अभ्यास  :- पांच धोरण
काव्य ग्रंथ :- कागवाणी भाग 1 थी 8

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: