March 25, 2023

जगदंबा स्वरूपा पूजनीय सोनल मां के आज 44वें निर्वाण दिवस पर समस्त चारण गढवी समाज की तरफ से शत् शत् नमन

प्रातः स्मरणीय जगदंबा स्वरूपा पूजनीय सोनल मां के आज 44वें निर्वाण दिवस पर समस्त चारण गढवी समाज की तरफ से शत् शत् नमन।
भगवती सोनल मां अवतरण उस समय हुआ जब देश अंग्रेजों की गुलामी में झकड़ा हुआ था। स्वतंत्रता आंदोलन के समय समाज में चेतना का अभाव था।  अनेकों प्रकार की विसंगतियों से समाज पिड़ित था। शिक्षा पिछड़ापन रूढ़िवादिता अन्य कुरितियां समाज को जकड़े हुए थी। एसे समय में समाज को नई करवट बिठाते हुए प्रगति के पथ पर ले जाने का समाजोत्थान का भागीरथी कार्य आई  सोनल मां ने किया। उनकी एक आवाज पर  समस्त समाज उठ खड़ा हो गया, समाज सुधार व प्रगति के नए आयाम स्थापित करते हुए जगह जगह सोनल मंडल संस्थान बनकर समाज सुधार के कार्य करने लगे। गुजरात से सटे राजस्थान मध्यप्रदेश में भी आई सोनल मां ने पधाकर कर समाज को नई सोच व दिशा प्रदान की।आज अधिकांश सुधार व संगठन दिखता है वो सोनल मां के प्रयास थे।
आइए हम सोनल मां के पदचिन्हों पर चलते हुए उनके दिए हुए उपदेशों पर अपना मार्ग चुनें, सोनल माताजी को  तो मानते हैं, परन्तु उनके उपदेशों को मानें “ चारण एक बनें नेक बनें”

महेंद्र सिंह चारण
संपादक
चारणत्व मेगज़ीन
उदयपुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: