April 2, 2023

राजनीति रंगाष्टक- मीठा मीर डभाल

राजनीति रंगाष्टक
दोहा
मान लेहु सब मीत , रदय भाव मतदान रो ।।
राजनीति की रीत , साबित हुय इणसूं सदा ।।1।।
जीत हार की जंग , सदा होत मतदान सूं ।।
राजनीति को रंग , दोरो मिटसी देखल्यो ।।2।।
ऐकर पड़ियो आय , जिका वोट री जंग में ।।
नर निकसत हैं नांय , झूठ कपट रा जाळ सूं ।।3।।
झूठ कपट रो जोग , इणसूं बड़ो न और हैं ।।
राजनीति को रोग , मिटा सके नह मानवी ।।4।।
वकील गुणी विद्वान ,मठधारी पण मोकळा ।।
धिक्क तजे हर ध्यान , आय पड़े इण आग में ।।5।।
छंद जात रेणकी
महि पर कर हरख मिनख मन मांने राजनीति तण रीत रहे ,
नर कर अब परख चुणण कज नेता लोक सबे इम धार लहे ,
जद कर मतदान जुगत कर जन जन नेता बणणो जोग नयो ,
विध विध कर कोड होड कर विधिवत जय जय हुय सरकार जयो
जीय जय जय जय सरकार जयो ।।1।।
दर दर सब जाय दास बण दाखे राखे छळ घण कपट रदे ,
जनमत बिन ताज मिळे नह जदुपत कहियो होसी जीत कदे ,
पल पल हिय सोच रहे परमेसर लाभ हांण इम जाण लियो ,
विध विध कर कोड होड कर विधिवत जय जय हुय सरकार जयो
जीय जय जय हुय सरकार जयो ।।2।।
कर कर परचार राज पद पावण लेहण जीत की रीत लही ,
धिन धिन धर धीर ध्यान मन धारे सारे जांनो वात सही ,
अळपर रख रीत जीत हित उर में दान लोक मतदान दयो ,
विध विध कर कोड होड़ कर विधिवत जय जय हुय सरकार जयो
जीय जय जय हुय सरकार जयो ।।3।।
सब दळ बळ सबळ अपरबळ समरथ हर दळ कहवे बात हमें ,
कर कर छळ कपट दपट दे कहवे चलत चाल सब विकट समें ,
पल पल तण खबर सबर रख पेखे नहचे जीतण खेल नयो ,
विध विध कर कोड़ होड़ कर विधिवत जय नय हुय सरकार जयो
जीय जय जय हुय सरकार जयो ।।4।।
कर कर फिर फेल कौल कर कूड़ा नेड़ा साचां रहत नहीं ,
जप जप नित जाप आप हिय झूठा कपटी बातां खूब कही ,
परतख रख पास कूड़ रा पासा लोभ तणो पथ शोध लियो ,
विध विध कर कोड़ होड़ कर विधिवत जय जय हुय सरकार जयो
जीय नय जय हुय सरकार जयो ।।5।।
अनबन जित होत मिटावण आवत बात बतावत आप बड़ी ,
एकजुट हुय साथ रहो सब इणविध कोड़ें ज़ोडण कड़ी कड़ी ,
बरबस बकवास बात नह बकणी रहणी कहणी साथ रह्यो ,
विध विध कर कोड होड़ कर विधिवत जय जय हुय सरकार जयो
जीय जय जय हुय सरकार जयो ।।6।।
निशदिन रदय राख चार गुण नीति  फंद दंड अर भेद फबे ,
परचम लहराय राज पद पावत साम दाम रख रीत सबे ,
बनठन सज संवर बिन्द बण बैठे थाट पाट चहुंओर थयो ,
विध विध कर कोड़ होड़ कर विधिवत जय जय हुय सरकार जयो
जीय जय जय हुय सरकार जयो ।।7।।
भल विध रख भान आप नह भूलो आन मान रख शान अखे ,
हुय जद जीत प्रीत निभवण हेते  रदय भाव सनमान रखे ,
गुण करजोड़ मीठो मीर गावत कूड़ो नाहिं वयण कहयो,
विध विध कर कोड़ होड़ कर विधिवत जय जय हुय सरकार जयो
जीय जय जय हुय सरकार जयो ।।8।।
कलश छप्पया
राजनीति री रीत , मीत सब अघरी मांनो ।
राजनीति की रीत , जीत हार संग जांनो ।।
राजनीति की रीत , रदय जिण अधक रहावे ।
राजनीति की रीत  , कठण घण निपट कहावे ।।
फसयो हैं जो इण फंद में , रयण दिवस बेकल रहे ।
दिसत हांण सहविध द्वंद में , कर जोड़े मीठो कहे ।।
मीठा मीर डभाल

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