आज धन तेरस के दिन मां लक्ष्मी सभी के यहां धन कि वर्षा करे। माँ करणी भगत जनां को आनंद बगसावै सादर कवि मधुकर।
दिवाली तेरसी दिन, दुनी आवै आछो दन,
धपल दिरावै धन, रमा महारानी है।
अपल पुरावै अन, कुंजर किड़ी को कन,
जल थल जेता जन, अमा अरमानी है।
बल बगसावै बन, ताप घात टालै तन,
सबल दियै सबन, समा जो सुजानी है।
भल करनल भन, मधुकर साचे मन,
जननी राखै जतन ,भमा तो भवानी है।
अपल पुरावै अन, कुंजर किड़ी को कन,
जल थल जेता जन, अमा अरमानी है।
बल बगसावै बन, ताप घात टालै तन,
सबल दियै सबन, समा जो सुजानी है।
भल करनल भन, मधुकर साचे मन,
जननी राखै जतन ,भमा तो भवानी है।