March 31, 2023

चारणवास वाऴो चैत – राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

चारणवास वाऴो चैत !!
ऐकर सियाऴैमें आधे माघ मास में बिरखा
बूठी, अर बिरखाई घणी लांबी भांय हुई मानखै आप आपरै सपना रा जाऴा बणा वणा गुंथणा शुरु करिया ।
नागौर जिलै में कुचामण तहसील कनै जिलियो मोटो गांव,पाखती रतनूं चारणां रौ भी एक चारणवास जठै हथायां ठाठ बाट लागै ने गीतां दोहा बातां रा झपीङ उठै, प्रौऴ में अलाव (धुंई) चालतोई रैवे अर आदमी आवता जावता बण्याई रैवे ।

बिरखा बिखरी अर सरदी बढी अर सुंवार सुदी धुंई बैठा दो रतनूं सरदारां बातां चाली अर बीजा लोग सुणण ढुका, पेलो सरदार बोलियो के अबके रामजी घणों आछो काम करियो है, बिरखा होवण सूं खेतां में पालो आछो पाकसी अर चैत रूखाऴ पाला री फरसल लैयसां ।
सामां बैठा दूजा रतनूं साहब हूं बोलाबाला रैईज्यो कोनी, बै कैयो !!
भाई थैं खेत में पालो रुखाऴस्यो तो हूं थांरा खेत में ऊंठ बाङ दैस्यूं !!
पैलङा हाथ में लियैङो सोटो दिखाय पङूत्तर में केयो !!
आं गैडी दिखै है क भोगनो भांग दूं , सामैं बैठा भाई ने ई तैश आयग्यो अर बोलिया कि थै रूखाऴज्यो चैत मैं ई देख लेस्यूं !!
पेलङा भाई ईतरो कैवताई उणीज सागण जागां बैठाई आपरा गैढा हूं एक गोऴ चकर मांड कियो ओ रूखाऴ्यो खेत !!

अर सामां बैठा दूजोङा भाई आपरै हाथ रा गेडांहूं सीधी लकीर गोऴ घेरा मं मांडर केयो ओ बाङ्यो ऊंठ ।

इता में पेलङा रतनूं सरदार हुय ऊभा अर लगाय पूरी ताकत ऊंठ रा धणी रे ठोकी भोगना मं भच्चीङ अर खप्पर खोल दियो !!
आसै पासै बैठा बीजा मिनखां पूर बाऴर बानी चिंठाय लोई पङतो रोकियो ने ओऴमो देय बात जपाई  अर चौखाऴै चरचा चावी हुई कि चारणवास रौ चैत मती कर दिजो !!

~राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर !!

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