आशूदान मेहड़ू जयपुर / दोहे म्हे मेहड़ू पारकरा, धरा प्रथम सुं ध्येय- आशूदान मेहडू by आशूदान मेहडूSeptember 8, 2018January 24, 2020 म्हे मेहड़ू पारकरा, धरा प्रथम सुं ध्येय। झुकण, रुकण जाणां नहीं टणकी सिंहाँ टेव।। ~आशूदानजी मेहडू कलिंगर आंजस करो, आंजसे महेडू आज। विशोतेर आंजस करो, राज थकी धनराज।। ~धनराजजी मेहडू (प्रेषित-भवरदान मेहडू) Post Views: 276 Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading...