जय माताजी
*इस बार का प्रतिभा सन्मान समारोह मनाया जाएगा 22अगस्त2018 को*
*खूब खूब आभार करणीदानजी बारहठ पूगल व बीकानेर क्षेत्र के सभी उन सज्जनों का जो प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आपने बीकानेर क्षेत्र में ही एक सफल आयोजन का निर्णय लेकर माँ भगवती के पावन स्थान पर आई माँ की कृपा से इस बार भी तृतीय प्रतिभा सन्माम समारोह का आयोजन करने जा रहे हो*
*इस बार का आयोजन होगा आई श्रीचंपाबाई माताजी के पावन धाम पर*
आज बड़ा हर्ष व गर्व महसूस हो रहा है कि प्रति वर्ष की भाती इस वर्ष भी *22 अगस्त 2018 को धाट पारकर वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन* द्वारा तृतीय प्रतिभा सम्मान समारोह (स्नेह मिलन) का आयोजन इस बार आई श्रीचंपाबाई माताजी के सौवाँ जन्मोत्सव पर आई श्रीचंपाबाई माताजी जैसी तपस्विनी जगदम्बा ने 5 एमकेएम (मकेरी), पूगल बीकानेर (राजस्थान) क्षेत्र को अपनी दैवीय शक्ति से परिपूर्ण और शाश्वत उपस्थिति से पावन बनाया तो इस बार का आयोजन भी आई मा के दैवीय स्थान पर धूमधाम से मनाया जाएगा। व इससे बड़ी खुशी की बात ये की पिछले दोनो ही प्रतिभा सन्मान समारोह सन्तोषनगर (बीकानेर) में *(बीकानेर क्षेत्र में बस रहे धाट पारकर क्षेत्र के चारणों द्वारा)* सन्त श्री माधुदानजी समाधी स्थान पर बड़े इतिहासिक रूप से मनाए गए, ओर *इस बार का आयोजन भी बीकानेर क्षेत्र में ही* आई श्री श्रीचंपाबाई माँ के पावन स्थान पर मनाया जाएगा व अगामी सभी प्रतिभा सन्मान समारोह (स्नेह मिलन) के आयोजन *धाट पारकर वेलफ़ेयर ऑर्गेनाइजेशन टीम के निर्णय से* करीबन धाट पारकर क्षेत्र के चारण 100 गावो में बस रहे है, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, गुजरात बनासकाठा, व कच्छ के जिलों में प्रति वर्ष अलग अलग जगह बच्चो के हॉस्टल, विद्यालय, देवी स्थान या कोई अन्य समाजिक जगह पर उसके विकाश के लिए व समाज के विकाश के लिए प्रति वर्ष अलग अलग स्थान पर कार्यक्रम किये जायेंगे ये जानकार ख़ुशी हुई।
सम्पूर्ण चारण गढवी समाज को बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि धाट पारकर चारण समाज ने अपने पूर्वजो के अपनेपन को कायम रखते हुए युवाओं ने यह एक पहल पिछले 2 वर्ष से ऐसे आयोजन का निर्णय लेकर सन्मान समारोह (स्नेह मिलन) जैसे आयोजन मा भगवती की कृपा से कर रहे है, में आपको धाट पारकर विसे में थोड़ा विस्तार से बता दू की ये एक क्षेत्र था धाट पारकर और थल, थल बेल्ट था वो सहयोग से भारत में रह गया और धाट और पारकर जो विभाजित होकर पाकिस्तान जो बना उस में रह गया, उसके पश्चात एक मौका जो मिला 1971 में तो कुछ लोगो ने समझदारी से निर्णय लेकर भारत आ गए और वो अभी करीबन 100 गावो में बस रहे है, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, बनासकाठा, और कच्छ में जो आज अपना सुखी सपन जीवन जी रहे है, और आज समाज के समुख साथ मिलकर चारणत्व के लिए समाज के हित लिए आये दिन एक से एक नेक कार्य कर रहे है, जल्द ही सम्पूर्ण कार्यक्रम की विगत के साथ अगली पोस्ट का इंतजार करे जय माताजी।।
जय माँ करणी जी
जय माँ करणी जी
_✒भवरदान मेहड़ु साता-9913083073_